इंसान को बहुत सी तकलीफों से निजात दिलाने वाली फिजियोथेरपी के जनम की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं हैं फ्य्सुँ फिजिशियन हिप्पोकरत और उनके बाद ग्लेन्स को फिजियो थेरपी के पहले प्रयोगकर्ता माना जाता है| ४६० ईसा पूर्व मसाज और दूसरी मैनुअल थेरपी और हाईड्रोथेरपी जैसे टेक्निक्स की मदद से लोगों को ट्रीटमेंट करते थे १८ सदी में आर्थोपेडिक्स के विकास के बाद जोड़ो और मांस पेशियों के उपचार की मशीनें ईजाद होने पर फिजियोथेरपी को भी फायदा हुआ|लिखित इतिहास की बात करें तो फिजियोथेरपी की शुरुआत स्वीडन के पर हेनरिक लिंग से मानी जाती है|स्वीडन जिम्नास्टिक के पिता कहे जाने वाले हेनरिक ने १८१३ में मसाज और एक्सरसाइज के लिए रोयल सेन्ट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ जिम्नास्टिक की नींव रखी|१८८७ में स्वीडन के नेशनल बोर्ड ऑफ हेल्थ एंड वेलफेयर ने फिजियोथेरपी को रजिस्टर्ड किया|इसके बाद दुसरे देशों ने भी पहल की|१८९४ में ब्रिटेन की चार नर्सों ने चार्टेड सोसाइटी ऑफ फिजियोथेरपी बनाई|न्यूज़ीलेंड ने १९१३ और अमेरिका ने १९१४ में अपने यहाँ फिजियोथेरपी इंस्टीटयूट खोले|
१९ सदी के आखिर में ब्रिटेन में मार्डन फिजियोथेरपी का जनम हुआ |फिर अमेरिकी आर्थोपेडिक सर्जन ने विकलांग बच्चों का फिजियोथेरपी के जरिये ट्रीटमेंट करना शुरू किया| वहाँ महिलाओं को मसाज और एकसरसाइज की शिक्षा दी जाने लगी|१९१६ में पोलिओ उन्मूलन अभियान के दौरान भी फिजियोथेरपी विधियों का इस्तेमाल लिया गया|उस दौरान यह काफी लोकप्रिय हुआ| पहले विश्व युद्ध के दौरान घायल सेनिकों को फिजियोथेरपी की मदद से ठीक करने के लिए प्रशिक्षित महिलाओं की तेनाती की गई |फिजियोथेरपी का पहला स्कूल रीड आर्मी हॉस्पिटल ,वाशिंगटन में खोला गया|
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