वही शक्ति हमें दो दयानिधि,
कर्तव्य मार्ग पर हम डट जावें |
देश सेवा,पर-उपकार में हम,
अपना जीवन सफल बना जावें |
हम दीन-दुखी दुर्बलों-विकलों की,
सेवा कर संताप हरें उनका|
जो हैं अटके भूले भटके,
उनको तारे खुद तर जावें|
छल, कपट, द्वेष,पाखंड,झूठ ,
अन्याय से हरदम दूर रहें|
जीवन हो शुद्ध सरल हमारा,
शुद्धी, प्रेम,सुधा बरसावें|
निज आन,मान मर्यादा का,
ध्यान रहे अभिमान रहे|
जनम लिया जिस देश में,
बलिदान उसी पर हो जावें|
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