शायरी...


चंद यादें सँभाल ली हमने, जिंदगी यूँ संवार ली हमने,
दिल में आई जो भावनाएं वही, अपने शब्दों में ढाल ली हमने,
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गम-ए-दौरां में अक्सर चश्मेतर भी सूख जाते हैं,

बुरे हालात में सब चाहने वाले भी रूठ जाते हैं|

नहीं हमको गिला तुमसे तुम्हारी बेवफाई का
भरी हो भीड़ जब तो हाथ अक्सर छूट जाते हैं||
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उनको पाने के लिए खुद को खो चुके थे हम,

उनकी चाहत में सुबहो-शाम रो चुके थे हम,

जिंदगी अपनी संवारेंगे चलो आज से हम,
हो गयी राहें जुदा उनसे ये अच्छा हुआ |
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कोई ख्वाहिश कभी इस दिल में जगा कर देखो,

जिंदगी
बहुत हंसी है,मुस्कुरा कर देखो|

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तुम्हारा दर्द जरूरी है जिंदगी के लिए

जिगर का खून जरूरी है शायरी के लिए|

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