मैं यह जान गयी हूँ की...


अन्दर में सचाई और
बाहर में सफाई,
दोनों ही जरूरी है
एक अच्छी जिंदगी के लिए|




  • मैं यह जान गयी हूँ की कितना ही बुरा क्यूँ न हुआ हो और आज मन में कितनी ही कड़वाहट क्यूँ न हो,यह जिंदगी चलती रहती है और आने वाला कल खुशगवार होगा|
  • मैं यह जान गयी हूँ की जिंदगी हमें कभी-कभी एक मौका और देती है|
  • मैं यह जान गयी हूँ की जिंदगी मैं राह चलते मिल जाने वाली हर चीज़ को उठा लेना मुनासिब नही होता|कभी कभी उन्हें छोड़ देना ही बेहतर होता है|
  • मैं यह जान गयी हूँ की पैसा बनाना और जिंदगी बनाना एक ही बात नहीं हैं|
  • मैं यह जान गयी हूँ की जब कभी खुले दिल से कोई फैंसला लेती हूँ तब वह अक्सर सही ही होता है|
  • मैं यह जान गयी हूँ की मुझे दर्द सहना गवारा है मगर दर्द बन जाना मुझे मंजूर नही|
  • मैं यह जान गयी हूँ की लोग हमारी कही हुई बात और किये हुए काम भूल जाते हैं पर उससे जुड़े हुए एहसास को कोई भुला नही पता|
  • मैं यह जान गयी हूँ की बीते दिन,घंटे,मिनट या सेकंड बस बीत चुके हैं|जो गुजर रहें हैं,वो हाथ में हैं|बीते समय का एक पल भी मैं वापिस नही ला सकती,चाहे कितनी भी कोशिश कर लूँ|
  • मैं यह जान गयी हूँ खुद को पहचानने की कोशिश करने में सोचने से काम नही चलता,राह तलाशकर चलना अहम होता है|
  • मैं यह जान गयी हूँ की मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है|

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